मुजफ्फरपुर मोतीपुर-साहेबगंज-राजापट्टी एवं चकिया-केसरिया नई रेल लाइन निर्माण के लिए सर्वे होगा। इसके लिए पूर्व मध्य रेलवे की निर्माण विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। दोनों नई रेल लाइन निर्माण से मुजफ्फरपुर के पश्चिमी क्षेत्र के अलावा पूर्वी चंपारण व गोपालगंज जिले की करीब 20 लाख आबादी को फायदा होगा। इससे तीनों जिलों के आधा दर्जन प्रखंडों में व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही धार्मिक स्थल थावे व केसरिया तक श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकेंगे।
तीन नवंबर को एजेंसी का चयन किया जाएगा
विभाग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने दोनों नई रेलखंड के ट्रैफिक व इंजीनियरिंग सर्वे के लिए निर्माण एजेंसियों से प्रस्ताव की मांग की है। तीन नवंबर को एजेंसी का चयन किया जाएगा। सर्वे कार्य पर दस लाख 39 हजार 335 रुपये खर्च किए जाएंगे। 38 किमी लंबी मोतीपुर-राजापट्टी वाया साहेबगंज एवं 25 किमी लंबी चकिया-केसरिया नई बीजी (ब्रॉडगेज बड़ी लाइन) रेल लाइन के सर्वे की सूचना से तीनों जिलों के लोगों में उम्मीदें बंधी है।
पीएम को एक लाख ग्रामीणों ने लिखा था पत्र
साहेबगंज-राजापट्टी रेललाइन निर्माण के लिए साहेबगंज व आसपास के लोग छह साल से संघर्षरत रहें हैं। मोतीपुर-साहेबगंज-राजापट्टी रेलखंड संषर्घ समिति की पहल पर एक लाख ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी मांग से अवगत कराया था। समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि सर्वे शुरू होने से रेललाइन निर्माण के लिए जरूरी तैयारी शुरू हो पायेगी। इस संबंध में समिति लगातार पीएम, रेल मंत्री व रेलवे के वरीय अधिकारियों तक अपनी मांग रखते आ रहा है। साहेबगंज का रेल मार्ग के माध्यम से मोतीपुर होते हुए मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, गोपालगंज, छपरा व सीवान जिलों से संपर्क हो जाएगा। स्थानीय लोगों की मांग पर पूर्व मध्य रेलवे के निर्माण विभाग ने सर्वे को मंजूरी दी है।
रेल नेटवर्क से अछूते रहें हैं ये इलाके
मुजफ्फरपुर के पश्चिम इलाके में पड़ने वाले साहेबगंज और केसरिया अब तक रेल नेटवर्क से अछूता रहा है। हालांकि, दोनों इलाका हाजीपुर-सुगौली निर्माणाधीन नई रेल लाइन के अधीन है। इस निर्माण से धार्मिक स्थल थावे व केसरिया तक श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकेंगे।
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