मुजफ्फरपुर किसानों की सबसे बड़ी समस्या घोड़परास से निजात दिलाने के लिए बुधवार को पहली बार मुजफ्फरपुर में हैदराबाद से आए शूटरों ने ऑपरेशन की शुरुआत की। शूटरों ने सकरा की तीन पंचायतों में 22 घोड़परास का शिकार किया। जिले के सकरा व पारू प्रखंड में यह ऑपरेशन 15 दिनों तक जारी रहेगा। इसके बाद यही टीम पूर्वी चंपारण में घोड़परास को शूट करेगी। हर साल नीलगायों (घोड़परास) द्वारा फसल चर जाने से किसानों को काफी नुकसान पहुंचता था। वन विभाग के कोऑर्डिनेशन से हैदराबाद से चार शूटरों को बुलाया
गया है। ऑपरेशन की शुरुआत सकरा प्रखंड के भरथीपुर पंचायत से की गई। यहां दो नीलगाय को शूट किया गया। जबकि चंदनपट्टी में तीन अलग-अलग स्थानों पर 8 नीलगायों का शिकार किया गया।
वहीं, दुबहां पंचायत में ऑपरेशन में 12 घोड़परास को शूट किया गया।
सड़क से सदन तक उठ चुका है उत्तर बिहार में नीलगायों का मामला नीलगायों की समस्या को लेकर पिछले दो साल से मुजफ्फरपुर में आंदोलन चल रहा है। पूर्व मंत्री ईं. अजीत कुमार ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया था। जबकि वैशाली सांसद वीणा देवी सदन में इस मामले को उठा चुकी हैं। इसके बावजूद समस्या का अब तक समाधान नहीं हो सका। पूर्व प्रमुख मदन प्रसाद सिंह ने कहा कि नीलगाय सिर्फ मुजफ्फरपुर की नहीं बल्कि पूरे उत्तर बिहार के किसानों की बड़ी समस्या है
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